News in Hindi: नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के चार दिन बाद उपराज्यपाल नजीब जंग से मिले भाजपा विधायक दल के नेता डॉ. हर्षवर्धन ने उन्हें पार्टी के सरकार न बनाने के निर्णय से अवगत करा दिया। उन्होंने कहा, भाजपा के पास सरकार बनाने के लिए 36 विधायकों का आवश्यक संख्या बल नहीं है, इसलिए वह सरकार नहीं बना सकते। सरकार बनाने के लिए उन्होंने किसी प्रकार की जोड़तोड़ करने से साफ इन्कार कर दिया। उनका पक्ष जानने के बाद उपराज्यपाल नजीब जंग ने 28 विधायकों वाली पार्टी आप के नेता अरविंद केजरीवाल को वार्ता के लिए बुलाया है। यह मुलाकात शनिवार को पूर्वाह्न साढ़े दस बजे होगी।
बृहस्पतिवार शाम उपराज्यपाल से मिलकर लौटे डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, भाजपा राजनीति सत्ता के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा के लिए करती है। उन्होंने सरकार न बना पाने की असमर्थता व्यक्त करते हुए दिल्ली की जनता से क्षमा याचना की है। उधर, भाजपा के इन्कार करने के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) ने भी कहा है कि अब दिल्ली में दोबारा चुनाव होना तय है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निर्देश पर उपराज्यपाल ने बुधवार रात डॉ. हर्षवर्धन को सरकार बनाने के सिलसिले में वार्ता के लिए बुलाया था। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार के गठन के समारोह से लौटकर बृहस्पतिवार शाम भाजपा नेता ने उप राज्यपाल से मुलाकात की। यह मुलाकात करीब 45 मिनट चली। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि यदि किसी अन्य दल के पास बहुमत है तो वह सरकार बनाए, भाजपा विपक्ष में बैठने को तैयार है। लेकिन ऐसा नहीं होता है और फिर से दिल्ली में चुनाव होते हैं तो इस स्थिति के लिए भाजपा जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव में फिर से प्रयास करेगी और बहुमत मिलने के बाद ही सत्ता पर काबिज होगी। सत्ता हथियाने के लिए भाजपा किसी तरह की जोड़-तोड़ की राजनीति नहीं करेगी। हर्षवर्धन ने एक पत्र भी उपराज्यपाल को सौंपा, जिसमें सरकार बनाने में असमर्थता जताई गई है।
हर्षवर्धन ने लिखा जंग को खत
आदरणीय जंग साहब,
दिल्ली में सरकार बनाने की संभावनाओं पर विचार-विमर्श हेतु आपका पत्र प्राप्त हुआ, धन्यवाद। दिल्ली की जनता कमरतोड़ महंगाई, भ्रष्टाचार तथा अन्य ज्वलंत समस्याओं से परेशान है। हताशा और निराशा के बीच ही राजधानी की जनता को विधानसभा के चुनावों का सामना करना पड़ा। मैं पिछले 20 वर्षो से विधायक हूं। हर रोज जनता के दुख दर्द से रूबरू होता हूं। पेशे से एक चिकित्सक होने के कारण मुझे बीमारी और उसके कारणों का मरीज को देखते ही पता चल जाता है। दिल्ली की दो करोड़ जनता की परेशानियों का मूल कारण कांग्रेस का कुशासन और सरकार की दिशाहीन नीतियां रही हैं। दिल्ली की जनता की समस्याओं को लेकर समय-समय पर भाजपा ने सड़कों पर उतर कर और विधानसभा के अंदर आवाज उठाई है। कांग्रेस सरकार ने जनता की समस्याओं को दूर करने के स्थान पर नागरिकों की आवाज को अनसुना किया। परिणाम है कि दिल्ली में कांग्रेस पार्टी को सिर्फ आठ ही सीटें प्राप्त हुई। सरकार की मुखिया तक अपना चुनाव हार गई। विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा स्पष्ट जनादेश प्राप्त करके दिल्ली की जनता के चेहरे पर मुस्कान बिखेरना चाहती थी। ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि बहुमत प्राप्त होने में मात्र चार सीटें कम रह गई।
Source- Hindi News
Related- सरकार बनाने के लिए जेडीयू का आप को खुला समर्थन